शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

सृजन कर्ता


मै         सृजन           करती

रचनात्मकता का स्वाद लेती

  अधरों पर मधुरता रखती

   हँसती खिलती स्रष्टि से

   कांटे फूल अलग करती

   लहू-लुहान   होती    हूँ

         फिर      भी

   मुस्कान मेरी रहती

  क्यूंकि मै हूँ सृजन कर्ता

    मै      हूँ     "माँ"





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