रविवार, 25 जून 2023

छोटी ...

तुम मेरी दुआ में नहीं
तुम सुख में नहीं
तुम दुःख में नहीं
तुम दिल भी नहीं
तुम धड़कन भी नहीं

तो बताओ मुझे तुम
 दिन रात मेरे
ख्यालों में क्यों ???

मै इन ख्यालों से दूर
तेरी शख्सियत से
बहुत दूर जाना चाहती हूँ
तेरी रूह से अलग
 अपने हिस्से की  जमीं
ढूँढना चाहती हूँ ....

तो फिर बताओ
तुम दिन रात मेरे
ख्यालों में क्यों ???

ये कमबख्त दिल
सोते जागते
तेरे नाम की
माला जपा करता है
पता नहीं क्यों
तेरी ही बातों से
मायूस होता है
फिर मासूम सा बन
तेरी ही याद में
हर रोज़ पलके
भिगोया करता है.....

अब. . बताओ मुझे 
तुम दिन रात मेरे
ख्यालों में क्यों ???


तेरे साथ बिताये
वो सुनहरे पल
अब कभी नहीं आयेंगे
पर न चाहते हुए भी
तेरी याद से सराबोर

    "मैं "

 तेरी ही याद में
अतीत के आँगन से
कुछ फूल चुन
अपनी छोटी सी
बगिया में सजाती हूँ ।।
और उन यादो से
न जाने कैसे
 तुम मेरी दुआ में
सुख में,  दुःख में
 दिल  में, आत्मा में
उतर जाती हो  ।।

ओ बहना मेरी 
तुम दिन रात मेरे
ख्यालों में रहती हो।
तुम बात बेबात मेरे
ख्यालों में रहती हो।।
                          ~ बोधमिता


छोटी


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