शुक्रवार, 9 मई 2025

दुआ..




थिरकती रहे तू सदा खुशियों से
मैं तेरी थिरकन पे कुर्बां जाऊँ
एक थिरकन मुस्कान की
थिरकी थी ओंठ पर तब
मेरी नन्ही परी !
जब पहली बार तुम्हे 
छुआ देखा जी भर कर..
फिर मैं मुसकाई  
जब जब तुम मुसकाई 
और निकली दुआ दिल से
थिरकती रहे तू सदा खुशियों से
मैं तेरी थिरकन पे कुर्बां जाऊँ
एक थिरकन मुस्कान की
थिरकी थी ओंठ पर तब
मेरी नन्ही परी !
जब पहली बार तुम्हे
देखा नन्हे कदमों से 
चलते हुए खिलखिला कर.... 
फिर मैं मुसकाई  
जब जब तुम इठलाई
और निकली दुआ दिल से
थिरकती रहे तू सदा खुशियों से
मैं तेरी थिरकन पे कुर्बां जाऊँ
एक थिरकन मुस्कान की
थिरकी थी ओंठ पर तब
मेरी नन्ही परी !
जब पहली बार तुम्हे
देखा रंगों में सराबोर.... 
फिर मैं मुसकाई  
जब जब तुम इतराई
और निकली दुआ दिल से
थिरकती रहे तू सदा खुशियों से
मैं तेरी हर थिरकन पे कुर्बां जाऊँ
ऐसी ही कई 
थिरकन मुस्कान की
थिरकी थी ओंठ पर तब
मेरी नन्ही परी !
जब जब मैने तुम्हे
देखा सपने बुनते हुए, 
आगे बढ़ते हुए,
मेरी खुशियों की दुआ करते हुए.... 
फिर मैं मुसकाई  
बस मुस्कुराती रही 
और मांगी दुआ रब से
थिरकती रहे तू सदा खुशियों से
मैं तेरी थिरकन पे कुर्बां जाऊँ।।
~बोधमिता

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