शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

Last day of school

खुशियाँ    हैं    कई    सपने    हैं 
पर स्कूल छूटने के दुःख अपने हैं 
सोचते थे छूटेगा स्कूल तो आज़ादी होगी 
हर घंटे के बंधन से छुट्टी होगी 
मैडम के गुस्से से भी कुट्टी होगी 
पर आज जब आखिरी दिन है यहाँ 
न जाने क्यूँ मैडम का गुस्सा 
   
  सारा   लाड    ही    लगा 
आज आँखे बरबस ही हो रही है नम 
लगता है खुले आसमान में जाने का है गम 
जाना तो है ही, पर अलविदा कहने से पहले 
चाहते हैं हम हमारी शरारतों को कर माफ़ 
दो ऐसा आशीष जहाँ भी जाएँ 
हमारे विद्यालय और गुरुजन को लोग 
   हमसे      पहचान       पायें ॥ 
                                       
                                                ~ बोधमिता

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