मंगलवार, 27 नवंबर 2012

rishta











मैंने जीवन के

 उतार - चढ़ाव देखे

तुम्हारी नज़रों से

 ज्वार - भाटे  की तरह

अपने से दूर  किया

तुमने  मुझे हाथ से

फिसलती हुई

रेत की तरह ।।

                     ~बोधमिता








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