शनिवार, 6 जून 2020

बिटिया


Suhani Shrivastava - Quora


दे गया उलाहना, संस्कारी मन !!

कैसे रौब गांठ लूँ तुझ पर, 

तू मेरी नन्ही सी चिड़िया.

पिंजरे में बंद करूँ तो कैसे?

तू मेरी सांसों की हलचल.

किस अंकुश की खूंटी से बांधूं?

तू  है  मेरा  नयन  सितारा.

 

मेरी संस्कारों  की  बेडी  ऐसी

जिसमे बंध बिंध गया लड़कपन

 

तुझको भी मन बांधना चाहे

तब दे गया उलाहना संस्कारी मन

हाथ पसारे गगन खड़ा है

नियति चक्र में रंग भरा है

इन्द्रधनुषी रंगों से आभाषित

गर्व - दर्प से चमके मस्तक

कलुष की कोई छाँव नहीं हो

हो उज्जवल अखंड ये तेरा जीवन

                        __बोधमिता

 

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